अपने भविष्य को वित्तीय रूप से सुरक्षित बनाने के के लिए धन का संचय करना बेहद ही आवश्यक है। इसी उद्देश्य से बहुत सारे लोग प्रायः बैंक (Bank) में कई प्रकार के अकाउंट खुलवाते हैं ताकि वह अपने धन को सुरक्षित रूप से जमा कर सकें, बैंक में खुलवाए जाने वाले अनेक खातों में से एक खाता ऐसा भी है जिसे फिक्स डिपाजिट के नाम से जाना जाता है। इस अकाउंट के द्वारा प्रायः लोग लंबे अंतराल के लिए अपने पैसे को जमा करते हैं। यदि आप नहीं जानते हैं कि फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है तो इस लेख को आपको जरूर पढ़ना चाहिए क्योंकि हम आपको इस लेख में Fixed Deposit in Hindi के बारे में संपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं।
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) का अर्थ | Meaning of FD in Hindi
FD यानी की Fixed Deposit (फिक्स्ड डिपॉजिट) जिसे की हिंदी में सावधि जमा खाता भी कहते है। सावधि जमा खाते में एक निश्चित परिपक्वता अवधि के लिए धनराशि को जमा किया जाता है जिसमे जमाधारी को एक निश्चित दर से ब्याज दर किया जाता है जो की बैंक में खुलवाए जाने वाले अन्य खातों में दिए जाने वाले ब्याज दर से अधिक होता है। फिक्स्ड डिपॉजिट में जो धन निवेश किया जाता है उसे निश्चित समय अवधि से पहले नहीं निकाला जा सकता है।
परंतु यदि फिर भी आप अपने धन को निकालना चाहते हो तो इसके लिए आपको बैंक को एक नोटिस देना पड़ता है जिसके आधार पर बैंक कुछ धनराशि जुर्माने के तौर पर काटकर आपकी धनराशि को फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट से निकाल देता है। फिक्स्ड डिपॉजिट के अंतर्गत वरिष्ठ निवेशकर्ताओं को अधिक ब्याज दर दिया जाता है। फिक्स्ड डिपॉजिट में लगभग 10 साल के लिए पैसा निवेश किया जा सकता है। निवेश के दृष्टिकोण से फिक्स्ड डिपाजिट सुरक्षित निवेश का विकल्प माना जाता है।
फिक्स्ड डिपॉजिट के प्रकार | Types of Fixed Deposit in Hindi

1. स्टैण्डर्ड टर्म डिपॉजिट्स (Standard Term Deposit)
पूर्व निर्धारित ब्याज दर पर एक निश्चित अवधि के लिए धनराशि को स्टैंडर्ड टर्म डिपॉजिट में निवेश किया जाता है। स्टैंडर्ड टर्म डिपॉजिट में निवेश की अवधि 7 दिन से लेकर 10 साल तक की होती है। इसके अंतर्गत वित्तीय संस्थान के ऊपर निवेश अवधि और ब्याज दर निर्भर करता है।
2. सीनियर सिटीजन फिक्स्ड डिपॉजिट्स (Senior Citizens Fixed Deposit)
60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को यानी वरिष्ठ नागरिकों को अन्य निवेशकों की तुलना में फिक्स्ड डिपॉजिट पर बैंक और एनबीएफसी द्वारा ज्यादा ब्याज दर की सुविधा प्रदान की जाती है। इसके साथ वरिष्ठ निवेशकों को दिए जाने वाले ब्याज दरों में टैक्स की कटौती भी नहीं की जाती है।
3. रेकरिंग डिपॉजिट (Recurring Fixed Deposit)
फिक्स्ड डिपॉजिट का एक और प्रकार रेकरिंग डिपाजिट है जिसके तहत धनराशि को निर्धारित अवधि जैसे की मासिक या त्रैमासिक आदि के लिए जमा किया जाता है। इस डिपॉजिट का ब्याज दर पहले से ही निर्धारित होता है। परिपक्वता अवधि पूरी हो जाने में बाद धनराशि को ब्याज सहित निवेशकर्ता प्राप्त कर सकता है।
4. कॉरपोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट (Corporate Fixed Deposit)
कुछ कॉर्पोरेट संस्थाएं भी एफडी जमा करने की सुविधा निवेशकर्ताओं को प्रदान करती है जिसे की कॉरपोरेट्स फिक्स्ड डिपॉजिट कहा जाता है। इन संस्थाओं द्वारा फिक्स डिपॉजिट पर दिया जाने वाला ब्याज दर बैंकों की तुलना में अधिक होता है परंतु यहां पर जोखिम की मात्रा अधिक होती है क्योंकि यदि भविष्य में यह संस्थाएं दिवालिया घोषित हो जाती है तो इस बात की गारंटी नहीं होती है की धनराशि को वापिस (वसूल किया जा सकता जा सकता है या नही) प्राप्त किया जा सकता है या नहीं।
5. एनआरआई फिक्स्ड डिपॉजिट (NRI Fixed Deposit)
सामान्यतः एनआरआई एफडी विदेशी करेंसी में कमाई करने वाले नागरिकों के लिए एक अच्छा विकल्प माना जाता है। वैसे तो करेंसी में उतार-चढ़ाव होते रहते हैं, लेकिन एनआरआई एफडी का सबसे मुख्य फायदा यह है कि इसमें ब्याज सहित पूरी राशि टैक्स फ्री होती है।
फिक्स्ड डिपॉजिट के क्या क्या फायदे है?
Fixed Deposits के कुछ विभिन्न फायदों के बारे में भी आपको नीचे जानकारी दी गई है।
- फिक्स्ड डिपॉजिट निवेश का सुरक्षित तरीका माना जाता है क्योंकि इस पर बाजार के उतार-चढ़ाव का कोई भी असर नहीं पड़ता है।
- साल भर से कम अवधि वाले फिक्स्ड डिपॉजिट पर ज्यादा अवधि वाले डिपॉजिट्स के मुकाबले अधिक फायदा मिलता है निवेशकों को।
- कम अवधि की डिपॉजिट पर ब्याज दरें तीन से चार साल वाले डिपॉजिट के मुकाबले ज्यादा मिलता है।
- एफडी पर दिया जाने वाला ब्याज सामान्य बचत खातों के मुकाबले अधिक होती है।
- कुछ बैंक ऐसे भी है जो एफडी पर लोन की सुविधा भी प्रदान करते हैं।
फिक्स डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट अकाउंट में अंतर क्या अंतर है?
फिक्स डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट दोनो में ही ब्याज की दर समान होती है लेकिन पैसा जमा करने का तरीका अलग अलग होता है। फिक्स डिपॉजिट में एक साथ धनराशि को एक निश्चित अवधि के लिए जमा किया जाता है जबकि रेकरिंग डिपॉजिट में निर्धारित समय के बाद किस्तों में राशि जमा की जाती है।
इसके साथ फिक्स्ड डिपॉजिट में जमा की गई धनराशि को निश्चित समय से पहले नहीं निकाला जा सकता है लेकिन यदि पैसा निकाला जाता है तो जमाकर्ता तो जुर्माना लगाया जाता है बैंक की ओर से। परंतु रेकरिंग डिपॉजिट को बीच में आप छोड़ सकते हो और आपको कोई जुर्माना भी नही देना पड़ेगा बैंक को।
फिक्स्ड डिपॉज़िट के लिए कौन कौन से आवश्यक दस्तावेज़ की जरूर होती है?
नीचे लिखित मुख्य दस्तावेजों की जरूरत होती है यदि आप FD करवाना है तो।
1. आईडी कार्ड
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट
- पैन कार्ड
- वोटर आईडी कार्ड
- ड्राइविंग लाइसेंस
2. एड्रेस प्रूफ
- पासपोर्ट
- टेलीफोन का बिल
- बिजली का बिल
- चेक के साथ बैंक स्टेटमेंट
- पोस्ट ऑफिस द्वारा जारी सर्टिफिकेट/आईडी कार्ड
सारांश
आज के इस लेख में हमने आप सभी को फिक्स डिपॉजिट के बारे में जानकारी प्रदान की है जिसके तहत हमने आपको बताया है कि फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है और इसके प्रकार कौन-कौन से? इसके अलावा फिक्स्ड डिपॉजिट के फायदे क्या है यह भी आपको बताया गया है। इसी के साथ हम आपसे उम्मीद करते हैं कि यह संपूर्ण ब्लॉग पोस्ट आपको जरूर पसंद आया होगा। यदि इस लेख में दी गई जानकारी आपको ज्ञानवर्धक लगे तो इसे अन्य पाठकों के साथ भी शेयर अवश्य कीजिएगा। साथ ही ऐसी अन्य जानकारी के लिए आप हमारे टेलीग्राम और व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन कर सकते हो।
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