Mutual Fund Investment Tips: यह तो सभी को पता है की Mutual Fund इन्वेस्टमेंट, हर तरह से सहीं है. धीरे-धीरे यह लोगों का पसंदीदा इन्वेस्टमेंट विकल्प बनता जा रहा है. परन्तु क्या आप किसी के कहने पे, या कहीं से देख सुनकर म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं, सावधान ! यह पूरी तरह सहीं है कि म्यूचुअल फंड बढ़िया है.
परन्तु म्यूचुअल फंड के विभिन्न प्रकार अलग-अलग तरह के इन्वेस्टमेंट के नजरिये से बढ़िया है. म्यूचुअल फंड में निवेश के Smart प्लानिंग करें और अपने लिए वह चुने जो बेहतर हो. यहाँ हमने Mutual Fund Investment Tips को साँझा किया है जिसके जरिये आप अपने लिए एक बेहतर फंड का चुनाव कर सकते हैं.
Mutual Fund: हालांकि म्यूचुअल जोखिमों के अधीन है परन्तु, ऐसा नहीं है की आप किसी भी फंड को चुन कर अच्छा रिटर्न नहीं बना सकते, लगभग सभी प्रकार के म्यूचुअल फंड अच्छा रिटर्न देने में कारगर हैं. परन्तु एक Smart Investment वह है जिसमे म्यूचुअल फंड के रिटर्न प्रतिशत, जोखिम रेशियो, और निवेश समयावधि की पहचान की जाये.

इक्विटी फंड – Equity Funds
लम्बे समय के निवेश के लिए Equity Funds को सबसे बढ़िया माना जाता है. इक्विटी म्यूचुअल फंड में 65 प्रतिशत निवेश शेयरों में होता है हालांकि इसे 100% बढ़ाया जा सकता है.
चूँकि यहाँ अधिकांश निवेश शेयरों में हो रहा है और शेयर बाजार में आय दिन उतार-चढाव होते रहते हैं, नतीजतन यह अत्यधिक जोखिम से भरा हुआ है साथ ही इसमें अधिक रिटर्न भी प्राप्त किया जा सकता है. लम्बे समय के निवेश में यहाँ से भारी रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है.
इक्विटी फंड की खासियत – इक्विटी फंड के विषय में यह सबसे बढ़िया है कि महगाई को मात देने की क्षमता इस फंड में है.
इक्विटी फंड निवेश कितने समय के लिए – जैसा की हमने बताया लम्बे समय के निवेश में इस फंड से बेहतर रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है. जैसे-जैसे समय बढ़ता है इस फंड में रिस्क कम होते जाते हैं. इस फंड में मिनिमम 3 साल के समयावधि के लिए निवेश करना चाहिए
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम – ELSS
जैसा की नाम से पता चल रहा है इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) म्यूचुअल फंड ऐसा फंड है जिसमें निवेश करने पर आपको इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है. परन्तु इस फंड में 3 साल की लॉक इन पीरियड होता है इस बीच आप अपने निवेश राशि नहीं निकाल सकते, इसके अलावा यह फंड पूरी तरह से इक्विटी फंड जैसा बर्ताव करता है.
ELSS फंड के बारे में विस्तार से जानें
डेट फंड – Debt Funds
इस फंड में फिक्स इनकम सिक्योरिटी प्राप्त किया जाता है, Debt फंड के माध्यम से – बॉन्ड, कॉर्पोरेट बॉन्ड, गर्वनमेंट सिक्योरिटी, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स आदि चीजों में इन्वेस्ट किया जाता है. यहाँ रिस्क नहीं होता परन्तु इक्विटी की तुलना में रिटर्न भी बहुत कम होता है.
Debt Funds की खासियत – जो किसी प्रकार का जोखिम नहीं लेना चाहता है उनके लिए यह सबसे बेस्ट म्यूचुअल फंड है.
Debt Funds में निवेश की समयावधि – चूँकि इस फंड के विभिन्न प्रकार है अलग-अलग फंड में निवेश की समयावधि अलग-अलग है, 1 साल से 3 साल की समयवधी के लिए इस फंड में पैसे लगाना बढ़िया होगा
लिक्विड फंड – Liquid Funds
चुकी इसे कभी भी निकाला जा सकता है इसलिए इसका नाम लिक्विड फंड है. लिक्विड फंड को डेट फंड श्रेणी के अंतर्गत लिया जाता है. 60 दिनों के निवेश अवधि के लिए इसे एक आदर्श फंड माना जाता है. से फंड का नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) शनिवार और रविवार को भी निर्धारित किया जाता है. इसलिए छुट्टी के समय में भी इस फंड की निकासी सम्भव है.
हाइब्रिड फंड – Hybrid Funds
हाइब्रिड फंड भी निवेश के लिए एक बढ़िया विकल्प है. चूँकि इस फंड में डेट फंड और इक्विटी फंड दोनों में निवेश किया जाता है इसलिए यह बढ़िया परफॉर्म करता है. इस फंड में लगाए गए पैसे तेजी से ग्रो करते हैं.
चूँकि इस फंड में इक्विटी और डेट दोनों में निवेश किया जाता है. डेट फंड में आपका रिटर्न फिक्स हो जाता है और किसी प्रकार की जोखिम नहीं होती, वहीँ कुछ हिस्से जो इक्विटी में लगाए जाते हैं, मार्केट के उतार-चढाव पे आपके निवेश को तेजी से बढ़ाने का काम करते हैं.
हाइब्रिड फंड में निवेश क्यों करें – क्योंकि यह फंड अन्य फंड की तुलना में बेस्ट है यहाँ इक्विटी और डेट दोनों का फायदा उठाया जा सकता है.
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